प्रयागराज एक्सप्रेस के बाद उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) की कई अन्य ट्रेनों में भी एलएचबी (लिंक हॉफमैन बुश) कोच लगाए जाएंगे। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। एनसीआर प्रशासन द्वारा जल्द ही मेरठ जाने वाली संगम एक्सप्रेस और इलाहाबाद-जयपुर एक्सप्रेस में इस तरह के माडर्न कोच लगाए जाएंगे। इसके लिए रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। उम्मीद है कि इसी वित्तीय सत्र में एनसीआर प्रशासन को बोर्ड से एलएचबी कोच मिल जाएगा।
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बता दें कि अभी देश की चुनिंदा ट्रेनों में ही माडर्न कोच लगे हैं। रविवार को एनसीआर...
more... की वीआईपी ट्रेन प्रयागराज एक्सप्रेस में ये कोच लगाए गए। इलाहाबाद से गुजरने वाली पुरुषोत्तम, स्वतंत्रता सेनानी, कामायनी, शिवगंगा, पूर्वा, महाबोधि एक्सप्रेस ट्रेनों में एलएचबी कोच ही लगे हैं। अब उत्तर मध्य रेलवे प्रशासन की ओर से संगम एक्सप्रेस, इलाहाबाद-जयपुर एक्सप्रेस एवं कानपुर-नई दिल्ली श्रमशक्ति एक्सप्रेस में भी इस इस तरह के कोच लगाने की तैयारी की गई है। इसके लिए बोर्ड को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। इस बारे में एनसीआर के पीआरओ अमित मालवीय का कहना है कि बोर्ड से मिलते ही चरणबद्ध तरीके से जोन की प्रमुख ट्रेनों में इस तरह के कोच लगाए जाएंगे।
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सोमवार को प्रयागराज के दोनों रैक एलएचबी कोच से लैस हो गए। दरअसल रविवार को नई दिल्ली से इलाहाबाद के लिए चली प्रयागराज एक्सप्रेस में पुराने सीबीसी (सेंटर बफर कपलर) कोच ही लगे हुए थे। ऐसा इसलिए क्योंकि रविवार को दोनों ट्रेनों के एलएचबी कोच इलाहाबाद में ही थे। इलाहाबाद से एलएचबी का जो पहला रैक दिल्ली भेजा गया था वह सोमवार को वहां पहुंचा।
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खास हैं एलएचबी कोच
0 पुराने सीबीसी कोचों से ज्यादा हल्के और लंबे।
0 बिजली की खपत कम होती है।
0 हर कोच में पहले से ज्यादा यात्री यात्रा कर सकते हैं।
0 स्टील की हल्की, लेकिन मजबूत बॉडी होती है।
0 तेज गति से चलने के दौरान आवाज और कंपन कम।
0 ट्रेन के रुकने एवं चलने पर यात्रियों को झटके भी कम।
0 160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से भी दौड़ सकते हैं।
Source:- Amar Ujala